दिलों में कहीं…….
** दिलों में कहीं….. **
// दिनेश एल० “जैहिंद”
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मिरा दिल तो*अब मनचला हो रहा है ।
दिलों में कहीं ___फासला हो रहा है ।।
घरों में खड़ी__ हो गयी __हैं लकीरें,,
नहीं अब कहीं भी भला __हो रहा है ।।
कहीं अब दिलों में __सुकूं है बचा क्या,,
सब तरफ कुछ तो* ज़लज़ला हो रहा है ।।
यहाँ रोज __नारी लुटी__जा रही बस,,
हर तरफ __बुरा मामला __हो रहा है ।।
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दिनेश एल० “जैहिंद”
21. 11. 2017