दिलों को जोड़ती है भाषा
भाषा जोड़ती है
दिलों को
भाषा है
अभिव्यक्ति का
साधन
हिन्दी है
राजभाषा हमारी
सबसे प्यारी
सबसे निराली
सहज सरल और
मृदुभाषा
करों सब
भाषाओँ का
सम्मान
तिरंगा है
सबका मान
माँ
सिखाती है
चलना ऊँगली
पकड़ कर
तूतलाती भाषा
होती मनोहर
भाषा बिन
जीवन अधूरा
मूक है
जग सारा
बगिया है
हमारा संसार
भाषा करती है
उसका संचार
स्वलिखित
लेखक संतोष श्रीवास्तव भोपाल