दिलाओ याद मत अब मुझको, गुजरा मेरा अतीत तुम
दिलाओ याद मत अब मुझको, गुजरा मेरा अतीत तुम।
पूछो बात मुझसे अब तो, सिर्फ मेरे आज की तुम।।
दिलावो याद मत————————–।।
मुझको नहीं मतलब उससे,जो कल मैंने किया यहाँ।
मैं जी रहा हूँ अब कैसे, पूछो मुझसे यही आज तुम।।
दिलावो याद मत————————-।।
सितम गर मैंने किया है किसी पे , होगी उसकी कोई वजह।
क्यों उससे नहीं पूछते, खता उसकी आखिर जाकर तुम।।
दिलावो याद मत—————————।।
नहीं है किसी का अहसान मुझ पे, जिन्दा हूँ मैं अपने दम पर।
सिर्फ मुझमें ही नहीं तलाशों, गलतियां अब आखिर तुम।।
दिलावो याद मत—————————-।।
मुझसे गुनाह सिर्फ यही हुआ है, मोहब्बत उससे की थी मैंने।
उसका दामन छोड़ दिया क्यों, सच क्या है उससे पूछो तुम।।
दिलावो याद मत—————————।।
शिक्षक एवं साहित्यकार
गुरुदीन वर्मा उर्फ़ जी.आज़ाद
तहसील एवं जिला- बारां(राजस्थान)