दिलवर ! मुरादो की ऐसी हंसी रात होगी —आर के रस्तोगी
दिलवर ! मुरादो की ऐसी हंसी रात होगी |
जब गर्दन झुका लो,तभी मुलाक़ात होगी ||
मेरा दिल मेरे पास नहीं,तुम्हारे पास ही है |
जब चाहो तुम,तुम्हारी उससे बात होगी ||
जब तुम मेरे पास हो,मुझे औरो से क्या लेना |
भले ही तुम्हारे पास,चाँद तारो की बारात होगी ||
भले ही न तुम कहो,लबो से दिल की बाते |
जब दो लब मिलेगे,प्यार की बरसात होगी ||
होगा नहीं कुछ दामन में चाँद तारे भरने से |
जहाँ होगा मेरा चाँद,वही नई शुरुआत होगी ||
कहने को दिल है मेरा,लेकिन तेरे ही पास है |
ले आओ साजन बारात,ये नई सौगात होगी ||
आर के रस्तोगी
गुडगाँव (हरियाणा)