Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
9 Dec 2016 · 1 min read

“दिलनशी तुम ना होते”

चाँद ना यू शरमाता,
गुलो पे भवरा ना यू मंडराता,

अगर दिल नशी तुम ना होते,

आशिक़ कोई ना बन पता,
शायर कोई ना कहलाता,
गम कोई ना होता,
तन्हाई में कोई ना मुश्कूराता,

अगर दिलनशी तुम ना होते,

Language: Hindi
715 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
आज़माइश
आज़माइश
Dr. Seema Varma
प्यार किया हो जिसने, पाने की चाह वह नहीं रखते।
प्यार किया हो जिसने, पाने की चाह वह नहीं रखते।
Yogi Yogendra Sharma : Motivational Speaker
कीजै अनदेखा अहम,
कीजै अनदेखा अहम,
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
नारी तू नारायणी
नारी तू नारायणी
Dr.Pratibha Prakash
"शतरंज"
Dr. Kishan tandon kranti
अब नये साल में
अब नये साल में
डॉ. शिव लहरी
उफ़ वो उनकी कातिल भरी निगाहें,
उफ़ वो उनकी कातिल भरी निगाहें,
Vishal babu (vishu)
यह जीवन अनमोल रे
यह जीवन अनमोल रे
विजय कुमार अग्रवाल
विश्व सिंधु की अविरल लहरों पर
विश्व सिंधु की अविरल लहरों पर
Neelam Sharma
।। रावण दहन ।।
।। रावण दहन ।।
विनोद कृष्ण सक्सेना, पटवारी
" मिलन की चाह "
DrLakshman Jha Parimal
*
*"अवध के राम आये हैं"*
Shashi kala vyas
भगतसिंह
भगतसिंह
Shekhar Chandra Mitra
फटा ब्लाउज ....लघु कथा
फटा ब्लाउज ....लघु कथा
sushil sarna
हमने देखा है हिमालय को टूटते
हमने देखा है हिमालय को टूटते
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
तू मुझको संभालेगी क्या जिंदगी
तू मुझको संभालेगी क्या जिंदगी
कृष्णकांत गुर्जर
💐उनकी नज़र से दोस्ती कर ली💐
💐उनकी नज़र से दोस्ती कर ली💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
2802. *पूर्णिका*
2802. *पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
फांसी का फंदा भी कम ना था,
फांसी का फंदा भी कम ना था,
Rahul Singh
यूॅं बचा कर रख लिया है,
यूॅं बचा कर रख लिया है,
Rashmi Sanjay
बुला रही है सीता तुम्हारी, तुमको मेरे रामजी
बुला रही है सीता तुम्हारी, तुमको मेरे रामजी
gurudeenverma198
डिजिटलीकरण
डिजिटलीकरण
Seema gupta,Alwar
अक्सर लोग सोचते हैं,
अक्सर लोग सोचते हैं,
करन ''केसरा''
#दोहा
#दोहा
*Author प्रणय प्रभात*
रमेशराज की कहमुकरी संरचना में 10 ग़ज़लें
रमेशराज की कहमुकरी संरचना में 10 ग़ज़लें
कवि रमेशराज
*महाराज श्री अग्रसेन को, सौ-सौ बार प्रणाम है  【गीत】*
*महाराज श्री अग्रसेन को, सौ-सौ बार प्रणाम है 【गीत】*
Ravi Prakash
स्वयं से सवाल
स्वयं से सवाल
Rajesh
खुद के प्रति प्रतिबद्धता
खुद के प्रति प्रतिबद्धता
लक्ष्मी सिंह
समल चित् -समान है/प्रीतिरूपी मालिकी/ हिंद प्रीति-गान बन
समल चित् -समान है/प्रीतिरूपी मालिकी/ हिंद प्रीति-गान बन
Pt. Brajesh Kumar Nayak
'मेरे बिना'
'मेरे बिना'
नेहा आज़ाद
Loading...