दिये जलाएं
आइए इस दिवाली दिए जलाएं
विपरीत परिस्थिति हो तो भी
करूणाकर दया दिखाने को,
क्रोध पर विजय पाने को
चार दिन नही सदा के लिए।
आइए इस दिवाली दिए जलाएं
शिकायत नहीं कृतज्ञ हो के
माहौल अनुकूल बनाने को,
सबको गले लगाने को
चार दिन नही सदा के लिए।
आइए इस दिवाली दिए जलाएं
सर्व स्वीकार करने के लिए
आलोचना से बचने के लिए,
मन स्वच्छ रहे निर्मल रहे
चार दिन नही सदा के लिए।
आइए इस दिवाली दिए जलाएं
आत्म सम्मान पाने को
अपना स्थान बनाने को,
तुलना नही सभी श्रेष्ठ
चार दिन नही सदा के लिए।
आइए इस दिवाली दिए जलाएं
स्थिति पर संतुष्ट रहने के लिए
ईर्ष्या को दूर भगाने के लिए,
न नुकसान हो किसी का
चार दिन नही सदा के लिए।
आइए इस दिवाली दिए जलाएं
सहयोग करें मिलजुल के रहें
बचें आगे निकलने की होड़ से,
हित हो सभी का ऐसा विचार करें
चार दिन नही सदा के लिए।
स्वरचित मौलिक सर्वाधिकार सुरक्षित
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अश्वनी कुमार जायसवाल कानपुर 9044134297