दिया जरूर जलाना है
दिनांक:05/04/2020
विषय: दिया जरूर जलाना है
छाई है काली जो बदरी
इसको हमें मिटाना है
मानवता के लिए प्रीत का
मिल कर दीप जलाना है
फैली है नफरत जिस दिल में
प्यार उसे सिखाना है
मानवता के लिए प्रीत का
मिलकर दीप जलाना है
फैली कहीं है महामारी
तो कहीं रोष भी भारी है
कोई है भोला भाला
तो कोई अत्याचारी है
बहे प्रेम की पावन गंगा
ऐसा अलख जगाना है
मानवता के लिए प्रीत का
मिलकर दीप जलाना है
रहे कहीं नहीं कोई भूखा
कुछ ऐसा कर जाना है
जग से ही इस भूख बला को
मिलकर हमें मिटाना है
आवाहन है मेरा ए सबसे
साथ सभी को आना है
विश्व सुरक्षा की खातिर
दिया जरूर जलाना है
✍? पंडित शैलेन्द्र शुक्ला
? writer_shukla