दिपावली ## खुशियों की क्यारी
दीपों का जगमग त्योहार
दीपज्योत्स्ना करें प्रकाश
मावस के तम को हर लेती
दीप आवाली जब घड़ लेती
उत्साह उमंग उल्लास है लाती
हर जन को संदेश दे जाती
कुटिल विचारों का त्याग करके
सत्य धर्म पर चलना है
रोशन जग को करते-करते
दीपों से तम हरना है
बम पटाखे त्यजकर हमको
पर्यावरण सुरक्षित करना है
कर लो प्रण यह आज अभी से
पर्यावरण के रक्षक बनना
ध्वनि प्रदूषण कभी न करना
जीव जंतु के सखा है बनना
वायु दूषित कभी न करना
पर्यावरण संरक्षक बनकर
प्रकृति दोहन कभी न करना
सोचो इसके लिए क्या करना
धन का उचित प्रयोग तुम करना
पटाखों की खरीद न करना
दीन-दरिद्र के दुख तुम हरना
सद्कर्म तुम यह करते रहना
सुख-समृद्धि तुम कायम रखना