दिन सुहाने थे बचपन के पीछे छोड़ आए
दिन सुहाने थे बचपन के पीछे छोड़ आए
जो खजाने थे सारे वो पीछे छोड़ आए
अब तो कागज की नाव कहीं दिखती नहीं
वो बारिश में भीगना भी पीछे छोड़ आए
इन्जी. संजय श्रीवास्तव
16.12.2023