दिन भर जाने कहाँ वो जाता
दिन भर जाने कहाँ वो जाता
साँझ ढले घर वापस आता
दरस को उसके दिल बेताब
क्या सखि साजन ! ना मेहताब
© सीमा अग्रवाल
मुरादाबाद
दिन भर जाने कहाँ वो जाता
साँझ ढले घर वापस आता
दरस को उसके दिल बेताब
क्या सखि साजन ! ना मेहताब
© सीमा अग्रवाल
मुरादाबाद