दिन दुनिया से बेखबर यूँ नशे का परस्तार कौन
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दिन दुनिया से बेख़बर, यूँ नशे का परस्तार कौन है।
इतनी दिलगीर अंधेरी रात में ये बेदार कौन है।
पहनकर वनमानुष का खदो-खाल मुंह बिचकाये,
कमर में बाँधकर मियान में रखे हुए तलवार कौन है।
शाद निशात नशे में चूर, पहनें हुए रंगीन लिबास,
चोर लुटेरे नशेबाज जुआरी का अशजार कौन है।
ताश के पत्तों पर अपनी किस्मत को आजमाता
तदबीर से दाव लगाता ये किरदार कौन है।
जहरीले नाग की गिरफ्त में बेदर्दी से मिट रहा,
उत्तरदायित्व को भूल माबदे-ज़ीस्त अदाकार कौन है।
मुनाफिकों से कोई बच नहीं सकता,
सफेद घर में सायबां का सियाहकार कौन है।
????—लक्ष्मी सिंह?☺