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10 Dec 2021 · 1 min read

दिनकर

सरसी छंद
मात्रा भार 27
यति 13/14

दिनकर

भोर होते अंबर पर,
रवि आरुड़ रथ हो आए।
निज रश्मि जाल बिछाए,
भूमंडल अंग लगाए ।

बाग-कानन मुस्काए,
अरु डाल -डाल हर्षाए।
पिक कहीं कूक लगाए,
कहीं रुनझुन पक्षी गाए ।

छूकर आके जगाए,
नित कलियों को भरमाए।
नवचेतन जग भर जाए,
दिनकर तरुणाई छाए।

भोर स्वर्णिम रंग के लिए,
भास्कर लालिमा लाए।
लेकर सतरंगी हार,
दिनकर रोज -रोज आए।

ललिता कश्यप गांव सायर जिला बिलासपुर (हि० प्र०)

Language: Hindi
337 Views
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