— दिखावा नही आता —
सब कुछ आता है हम को
पर दिखावा नही आता
चलना आता है सही राह पर
बस, डगमगाना ही नही आता
जो सामने हैं हम
वो कहना है बस हमको आता
क्यूं बहकाए जमाने को
बस, सब को बहकाना ही नही आता
जितना मिलता है हम को
उस से ही गुजर बसर कर लेते हैं
किस बात की शेखी बघारे सब से
बस, यही सब करना ही नही आता
अजीत कुमार तलवार
मेरठ