दिखता है
और क्या-क्या ना यार दिखता ।
प्यार अब इश्तिहार दिखता है।।
पढ़े-लिखे गुलाम अपढ़ो के।
देश सारा बिहार दिखता है।।
दूर हो तुम तो मुझको यह।
शहर मच्छी बाजार दिखता है।।
भंवरा हर एक नशे में डूबा है।
हर कली पर खुमार दिखता है।
एक पल तेरे साथ गुजरा जो।
वह मुझे बार-बार दिखता है।।