दिखता नहीं है कुछ भी,
दिखता नहीं है कुछ भी,
आंखों में जब नमी हो।
कोई हल नहीं निकलता,
जब सोच की कमी हो ।
डाॅ फ़ौज़िया नसीम शाद
दिखता नहीं है कुछ भी,
आंखों में जब नमी हो।
कोई हल नहीं निकलता,
जब सोच की कमी हो ।
डाॅ फ़ौज़िया नसीम शाद