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7 Oct 2022 · 1 min read

दास्तां-ए-दर्द

दास्तां-ए-दर्द

जन्म लेना चाहा तो कोख में ही दफना दिया।
खेलना चाहा तो काम का बोझ लाद दिया।
मांगे कपड़े मन चाहे तो, तन ढकने को नखचड़ी बता दिया। पसंद का कुछ खाना चाहा तो, भाई का हक छीनने का इल्ज़ाम लगा दिया ।।

To be continued..
#seematuhaina

Language: Hindi
4 Likes · 301 Views

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