दार्शनिक स्त्रियां
मेरी सफलता मतलब पिताजी की सफलता
मेरी असफलता मतलब पिताजी की असफलता
और माता के हिस्से में कुछ नहीं बचता
माता कुछ चाहती भी नहीं
चार दिवारी की कैद के अलावा
उसके हिस्से में आते है सिर्फ आंसू
जो उसे मेरी सफलता या असफलता
दोनों पर बहाने होते है
स्त्री का शिक्षित होना
स्त्री का आत्मनिर्भर होना
यहां तक तो ठीक है
पर स्त्रियों का दार्शनिक होना
किसी को भी मंजूर नहीं
माताओं पत्नियों और बहनों
के दार्शनिक हो जाने से संसार बदले ना बदले
चार दिवारी जरूर बदल जाएंगी
एक आदर्श घर में ।
YASHU