दायरे से बाहर
भूत,भविष्य औ वर्तमान के लिए
रोटी कपड़ा और मकान के लिए ।
अपने दीन,धर्मऔ इमान के लिए
बेहतर एक हिन्दूस्तान के लिए ।
क्यों न मिलजुलकर रहें हम सब
गीता,बाईबल औ कुरान के लिए ।
छोड़ ज़िद मज़हबी मुश्किलात के
करे गुफ्तगू बेहतर इन्सान के लिए ।
आईये करें कोशिश अजय हम सब
मुल्क हो महफ़ूज़ हर जान के लिए।
-अजय प्रसाद