Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
26 May 2023 · 1 min read

दायरे से बाहर (आज़ाद गज़लें संग्रह)

बचकानी बातों से बचना चाहिए
फ्री की सौगातों से बचना चाहिए ।
जिस से मिलकर लगे खुद को बुरा
ऐसे मुलाकातों से बचना चाहिए ।
लाख शिकायतें रहे अपने लोगों से
गैरों के खुराफातों से बचना चाहिए ।
बेमेल मुहब्बत मुश्किलें ही बढ़ातीं हैं
कमसिन जज़्बातों से बचना चाहिए।
तनहाईयाँ तुझे तवाह करेगी अजय
वीरान चांदनी रातों से बचना चाहिए
-अजय प्रसाद

1 Like · 52 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
ज़िंदगी को यादगार बनाएं
ज़िंदगी को यादगार बनाएं
Dr fauzia Naseem shad
_देशभक्ति का पैमाना_
_देशभक्ति का पैमाना_
Dr MusafiR BaithA
समुद्र इसलिए खारा क्योंकि वो हमेशा लहराता रहता है यदि वह शां
समुद्र इसलिए खारा क्योंकि वो हमेशा लहराता रहता है यदि वह शां
Rj Anand Prajapati
वीरगति सैनिक
वीरगति सैनिक
नील पदम् Deepak Kumar Srivastava (दीपक )(Neel Padam)
मोह मोह के चाव में
मोह मोह के चाव में
Harminder Kaur
पाया तो तुझे, बूंद सा भी नहीं..
पाया तो तुझे, बूंद सा भी नहीं..
Vishal babu (vishu)
रिश्ते
रिश्ते
पूर्वार्थ
*सावन में अब की बार
*सावन में अब की बार
Poonam Matia
मैं तुझे खुदा कर दूं।
मैं तुझे खुदा कर दूं।
लक्ष्मी वर्मा प्रतीक्षा
छल
छल
Aman Kumar Holy
देख भाई, ये जिंदगी भी एक न एक दिन हमारा इम्तिहान लेती है ,
देख भाई, ये जिंदगी भी एक न एक दिन हमारा इम्तिहान लेती है ,
Dr. Man Mohan Krishna
#मायका #
#मायका #
rubichetanshukla 781
मिला कुछ भी नहीं खोया बहुत है
मिला कुछ भी नहीं खोया बहुत है
अरशद रसूल बदायूंनी
शाहकार (महान कलाकृति)
शाहकार (महान कलाकृति)
Shekhar Chandra Mitra
मदर्स डे (मातृत्व दिवस)
मदर्स डे (मातृत्व दिवस)
Dr. Kishan tandon kranti
*जीवन खड़ी चढ़ाई सीढ़ी है सीढ़ियों में जाने का रास्ता है लेक
*जीवन खड़ी चढ़ाई सीढ़ी है सीढ़ियों में जाने का रास्ता है लेक
Shashi kala vyas
अन्याय के आगे मत झुकना
अन्याय के आगे मत झुकना
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
वसंत की बहार।
वसंत की बहार।
Anil Mishra Prahari
बेटा
बेटा
Neeraj Agarwal
रविवार की छुट्टी
रविवार की छुट्टी
सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life)
!! सत्य !!
!! सत्य !!
विनोद कृष्ण सक्सेना, पटवारी
-- क्लेश तब और अब -
-- क्लेश तब और अब -
गायक - लेखक अजीत कुमार तलवार
3139.*पूर्णिका*
3139.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
मैं दुआ करता हूं तू उसको मुकम्मल कर दे,
मैं दुआ करता हूं तू उसको मुकम्मल कर दे,
Abhishek Soni
जाति  धर्म  के नाम  पर, चुनने होगे  शूल ।
जाति धर्म के नाम पर, चुनने होगे शूल ।
sushil sarna
बिल्कुल नहीं हूँ मैं
बिल्कुल नहीं हूँ मैं
Aadarsh Dubey
*गणतंत्र (कुंडलिया)*
*गणतंत्र (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
****तन्हाई मार गई****
****तन्हाई मार गई****
Kavita Chouhan
कभी जलाए गए और कभी खुद हीं जले
कभी जलाए गए और कभी खुद हीं जले
Shweta Soni
जब तात तेरा कहलाया था
जब तात तेरा कहलाया था
Akash Yadav
Loading...