दायरे से बाहर (आज़ाद गज़लें संग्रह)
बचकानी बातों से बचना चाहिए
फ्री की सौगातों से बचना चाहिए ।
जिस से मिलकर लगे खुद को बुरा
ऐसे मुलाकातों से बचना चाहिए ।
लाख शिकायतें रहे अपने लोगों से
गैरों के खुराफातों से बचना चाहिए ।
बेमेल मुहब्बत मुश्किलें ही बढ़ातीं हैं
कमसिन जज़्बातों से बचना चाहिए।
तनहाईयाँ तुझे तवाह करेगी अजय
वीरान चांदनी रातों से बचना चाहिए
-अजय प्रसाद