दामिनी का आह्वाहन
आंखों में आंसू लिए, और दर्द के शूल
भैया मेरी जान की कीमत, तुम मत जाना भूल
कोई दामिनी का दामन, अब न बन जाए धूल
अब कोई भी मां बहनों की, अस्मत लूट न पाए
कोई दरिंदा मां बहनों को, अब न हाथ लगाए
बोल रही हूं स्वर्ग से, लिए हृदय में शूल
भैया मेरी कुर्बानी को, तुम मत जाना भूल