दादी दादा का प्रेम किसी भी बच्चे को जड़ से जोड़े रखता है या
दादी दादा का प्रेम किसी भी बच्चे को जड़ से जोड़े रखता है या कहे भारत की आत्मा से नवजीवन का परिचय करवाता है
बचपन की धुंधली यादों में कही कहीं मुझे मेरे दादी दादा दिखाई देते है परंतु उनका स्पर्श और प्रेम मेरी चेतना और मेरे संस्कारो में घुला हुआ है जो मुझे उनसे कभी अलग नहीं करता ।