Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
16 Nov 2023 · 1 min read

किसी का प्यार मिल जाए ज़ुदा दीदार मिल जाए

किसी का प्यार मिल जाए ज़ुदा दीदार मिल जाए
न हारूँगा मुहब्बत का अगर गुल हार मिल जाए/1

गिरे जो बूँद उज्ज्वल सीप में मोती बना करती
समझ आए कहानी जो ख़ुशी का सार मिल जाए/2

आर.एस. ‘प्रीतम’

1 Like · 532 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from आर.एस. 'प्रीतम'
View all
You may also like:
कैसी-कैसी हसरत पाले बैठे हैं
कैसी-कैसी हसरत पाले बैठे हैं
विनोद सिल्ला
बादलों को आज आने दीजिए।
बादलों को आज आने दीजिए।
surenderpal vaidya
2539.पूर्णिका
2539.पूर्णिका
Dr.Khedu Bharti
मन को समझाने
मन को समझाने
sushil sarna
अमर काव्य
अमर काव्य
Pt. Brajesh Kumar Nayak
आग़ाज़
आग़ाज़
Shyam Sundar Subramanian
फिर भी करना है संघर्ष !
फिर भी करना है संघर्ष !
जगदीश लववंशी
शिर्डी के साईं बाबा
शिर्डी के साईं बाबा
Sidhartha Mishra
Life is too short to admire,
Life is too short to admire,
Sakshi Tripathi
"मित्र से वार्ता"
Dr. Asha Kumar Rastogi M.D.(Medicine),DTCD
आवश्यकता पड़ने पर आपका सहयोग और समर्थन लेकर,आपकी ही बुराई कर
आवश्यकता पड़ने पर आपका सहयोग और समर्थन लेकर,आपकी ही बुराई कर
विमला महरिया मौज
दृढ़ निश्चय
दृढ़ निश्चय
विजय कुमार अग्रवाल
दशरथ माँझी संग हाइकु / मुसाफ़िर बैठा
दशरथ माँझी संग हाइकु / मुसाफ़िर बैठा
Dr MusafiR BaithA
Thought
Thought
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
वक़्त का सबक़
वक़्त का सबक़
Shekhar Chandra Mitra
मुहब्बत
मुहब्बत
बादल & बारिश
" तुम्हारे इंतज़ार में हूँ "
Aarti sirsat
कितने इनके दामन दागी, कहते खुद को साफ।
कितने इनके दामन दागी, कहते खुद को साफ।
डॉ.सीमा अग्रवाल
تہذیب بھلا بیٹھے
تہذیب بھلا بیٹھے
Ahtesham Ahmad
सादगी
सादगी
राजेंद्र तिवारी
तेरे बिछड़ने पर लिख रहा हूं ग़ज़ल की ये क़िताब,
तेरे बिछड़ने पर लिख रहा हूं ग़ज़ल की ये क़िताब,
Sahil Ahmad
*पुस्तक समीक्षा*
*पुस्तक समीक्षा*
Ravi Prakash
अद्वितीय संवाद
अद्वितीय संवाद
Monika Verma
इस शहर से अब हम हो गए बेजार ।
इस शहर से अब हम हो गए बेजार ।
ओनिका सेतिया 'अनु '
पतंग
पतंग
अलका 'भारती'
#क़तआ (मुक्तक)
#क़तआ (मुक्तक)
*Author प्रणय प्रभात*
विद्या-मन्दिर अब बाजार हो गया!
विद्या-मन्दिर अब बाजार हो गया!
Bodhisatva kastooriya
"कुछ रिश्ते"
Dr. Kishan tandon kranti
एक ही निश्चित समय पर कोई भी प्राणी  किसी के साथ प्रेम ,  किस
एक ही निश्चित समय पर कोई भी प्राणी किसी के साथ प्रेम , किस
Seema Verma
सुकून
सुकून
अखिलेश 'अखिल'
Loading...