दादी तेरे घर के आँगन में
क़ुछ ख्वाब सा दिल में है बैठा,
कुछ जख्म भी दिल में गहरे है,
दादी तेरे घर के आँगन में,
लड़का लड़की के घेरे है।
न समझ सकि तेरा प्यार है क्या,
न समझ सके हम तेरे है.
दादी तेरे अपनेपन में भी,
जरा देख तो हम अकेले है।
कुछ माँगा तुझसे मैंने था,
कुछ दिया उसे भी तूने ही
फ़र्क़ था क्या मेरे दिल को ,
जो बातों में तेरी पहरे है।
तू जो बोली मैंने वो किया,
तेरे पाओ दबाये मैंने है।
तुझको मेरा चेहरा न दिखा,
ये कैसे चश्मे पहने है ??
दादी तेरे घर के आँगन में,
लड़का लड़की के घेरे है।