दादा जी
दादा जी,
रिश्तों की कदर,
बचपन में सही राह दिखाते है,
गिरते वक़्त पर संभलना,
तो कभी दुनिया की समझ कराते है,
एक दादा जी ही तो होते है जो,
मकान को घर बनाते है…!
अपने से भी पहले,
दूसरों की फ़िक्र जिन्हे,
जिनके रहने से घर में रौनक होती है,
बहुत खुशनसीब होता है वो घर जिस घर में ऐसे दादा जी होते है…!!
~गरिमा प्रसाद🥀