दाता देना बस हमें , निर्मल मन अभिराम (कुंडलिया)
दाता देना बस हमें , निर्मल मन अभिराम (कुंडलिया)
——————————————————
दाता देना बस हमें , निर्मल मन अभिराम
करें – विचारें जो सभी ,हों निश्छल सब काम
हों निश्छल सब काम, लोभ से सदा बचाना
रूखी – सूखी श्रेष्ठ , पराई कठिन पचाना
कहते रवि कविराय ,समझ बस इतना आता
स्वस्थ-देह सद्बुद्धि , वस्तु दो देना दाता
“”””””””””””””””””””””””””””””””””””””””””””””
रचयिता : रवि प्रकाश ,बाजार सर्राफा
रामपुर (उत्तर प्रदेश)
मोबाइल 99976 15451