Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
29 Apr 2017 · 1 min read

दहेज़ एक अभिशाप

मैं करुण वंदना करता हूँ ऐ प्रभु इसे स्वीकार करो
सृजनकर्ता खतरे में है अब थोड़ा सा उपकार करो
नाहक में मेरी बहना जो हर रोज जलाई जाती है मुख में मेरे शब्द नही इस कदर सताई जाती है
बापू की आँखों का तारा जब अर्थी में वो आती है
सहम जाती हैं दसों दिशाएं माता पिटे छाती है
दहेज़ रूपी राक्षस का प्रभु अब तो तुम संहार करो
मैं करुण वंदना करता हूँ ऐ प्रभु इसे स्वीकार करो

बापू ने गिरवी घर रखकर लक्ष्मी को कैसे भेजा था
लड़के को सबकुछ सौंप दिया माँ ने जो कभी सहेजा था
फिर भी उस हवसखोर की आत्मा शांत नही होती
कहा लक्ष्मी वापस जाओ तुम मेरी कोई नही होती
फिर यकायक लक्ष्मी की एक चीख सुनाई देती है
चीखते स्वर के बीच में एक भीख सुनाई देती है
मेरी लक्ष्मी फिर विदा हुई सारे संसार का दुःख लेकर
और दंरिदे जिन्दा हैं मेरी लक्ष्मी को दुःख देकर
बहुत बार झेला लक्ष्मी ने अब प्रभु इसका उद्धार करो
मैं करुण वंदना करता हूँ ऐ प्रभु इसे स्वीकार करो

Language: Hindi
296 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.

You may also like these posts

हम उनको सवारते संवारते खुद ही बिखर गए।
हम उनको सवारते संवारते खुद ही बिखर गए।
Kanchan Alok Malu
यह ज़िंदगी गुज़र गई
यह ज़िंदगी गुज़र गई
Manju Saxena
महापुरुषों की सीख
महापुरुषों की सीख
Dr. Pradeep Kumar Sharma
बंधन खुलने दो(An Erotic Poem)
बंधन खुलने दो(An Erotic Poem)
सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life)
#प्रसंगवश-
#प्रसंगवश-
*प्रणय*
23/108.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
23/108.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
"मिलें बरसों बाद"
Pushpraj Anant
स्वपन सुंदरी
स्वपन सुंदरी
प्रदीप कुमार गुप्ता
अहंकार
अहंकार
हिमांशु बडोनी (दयानिधि)
प्रदूषण
प्रदूषण
डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम
दादी माँ - कहानी
दादी माँ - कहानी
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
कत्थई गुलाब-शेष
कत्थई गुलाब-शेष
Shweta Soni
मोहब्बत का वो दावा कर रहा होगा
मोहब्बत का वो दावा कर रहा होगा
अंसार एटवी
#अनकहे अल्फ़ाज़ #
#अनकहे अल्फ़ाज़ #
rubichetanshukla 781
*पहले वाले  मन में हैँ ख़्यालात नहीं*
*पहले वाले मन में हैँ ख़्यालात नहीं*
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
अरे...
अरे...
पूर्वार्थ
तुतरु
तुतरु
Santosh kumar Miri
मित्रता के मूल्यों को ना पहचान सके
मित्रता के मूल्यों को ना पहचान सके
DrLakshman Jha Parimal
ओ चिरैया
ओ चिरैया
Girija Arora
"लहर"
Dr. Kishan tandon kranti
*आत्ममंथन*
*आत्ममंथन*
Pallavi Mishra
हो सके तो फिर मेरे दिल में जगह बनाकर देख ले
हो सके तो फिर मेरे दिल में जगह बनाकर देख ले
Jyoti Roshni
शाश्वत सत्य
शाश्वत सत्य
Dr.Priya Soni Khare
मन
मन
मनोज कर्ण
विषय-मन मेरा बावरा।
विषय-मन मेरा बावरा।
Priya princess panwar
राख के ढेर की गर्मी
राख के ढेर की गर्मी
Atul "Krishn"
वो तेरी पहली नज़र
वो तेरी पहली नज़र
Yash Tanha Shayar Hu
मुहब्बत करने वालों
मुहब्बत करने वालों
shabina. Naaz
दोहा
दोहा
गुमनाम 'बाबा'
दिल कि आवाज
दिल कि आवाज
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
Loading...