दशहरे पर दोहे
विजयादशमी का बड़ा, पावन है त्यौहार।
रावण रूपी दम्भ का,कर डालो संहार।।1
बन्धु विभीषण ने किया, गूढ़ बात को आम।
रावण का तब हो गया , पूरा काम तमाम।।2
नाभि में था भरा अमिय, मगर न आया काम।
मिलता कभी बुराई का, नहीं भला परिणाम।।3
मात केकयी हो गई, पुत्र मोह में चूर।
किया तभी श्री राम को,राजमहल से दूर।।4
रावण ने जब भूल का, किया न पश्चाताप।
उसके कुल ने इसलिये, सहा बड़ा संताप।।5
राम भेष में आजकल ,रावण की भरमार।
दिखने में सज्जन लगें, अंदर कपटाचार।।6
पुतला रावण का जला, मगर हुआ बेकार
मन के रावण का अगर, किया नहीं उपचार ।।7
अच्छाई के मार्ग पर, चलना हुआ मुहाल।
चले बुराई नित नई ,बदल बदल कर चाल ।।8
खड़ा राम के सामने,हार गया लंकेश।
मिला धर्म की जीत का,हम सबको सन्देश ।।9
गले दशहरे पर मिले,दुश्मन हों या मीत।
नफरत यूँ दिल से मिटा, आगे बढ़ती प्रीत।।10
सोने की लंका जली, रावण था हैरान।
उसे हुआ हनुमान की, तब ताकत का ज्ञान ।।11
हुआ राम लंकेश में, बड़ा घोर संग्राम।
पर रावण की हार का,तो तय था परिणाम।।12
हार बुराई की हुई, अच्छाई की जीत।
रावण जलने की तभी,चली आ रही रीत।।13
सदा सत्य की हो विजय, और झूठ की हार।
पर्व दशहरा शुभ रहे, बढ़े आपसी प्यार ।।14
जीवन मे इक बार बस, बनकर देखो राम।
निंदा तो आसान है, मुश्किल करना काम ।।15
भवसागर गहरा बहुत, भँवर भरी हर धार।
राम नाम की नाव ही, तुझे करेगी पार।।16
सीताओं का अपहरण , गली गली में आज।
कलयुग में फिर हो गया, है असुरों का राज।।17
ज्ञान समर्पण साधना, सब रावण के पास
बस इक अवगुण ने किया, उसका सत्यानाश।।18
सीख सिखाते पर्व सब, चलो धर्म की राह।
हमको सच्चे धर्म की,करनी है परवाह।19
पुतले रावण के जले, मन में रहे विकार।
सिर्फ लीक की पीक पर, मना रहे त्यौहार।।20
रावण भी जब ले रहा,था अंतिम निश्वास।
तब उसके दिल में हुआ,श्री राम का वास।।21
यूँ रावण के पास था, बड़ा ज्ञान भंडार
कर डाला अभिमान ने,पर कुल का संहार।।22
सदा हार अन्याय की, और न्याय की जीत।
मार दिलों में नफ़रतें, पालो केवल प्रीत।।23
हुई जीत श्री राम की, रावण की बस हार।
हार बुराई की सदा,अच्छे की जयकार।।24
दशरथ से वर माँगकर, दिया राम वनवास।
मात केकयी के रहे, नहीं भरत भी पास।।25
सच्चाई की राह में, चुभते रहते शूल।
पर मिलते हैं अंत में, हमें महकते फूल।।26
असुर न कोई बच सके ,ऐसा हो संग्राम।
पापी रावण मारकर,विजय करो श्री राम।।27
पर्व दशहरा आ गया, लेकर ये पैगाम।
चलो राम की राह पर, बुरे करो मत काम।।28
12.09.2024
17-10-2018
डॉ अर्चना गुप्ता
मुरादाबाद