Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
30 Mar 2023 · 1 min read

*दशरथनंदन सीतापति को, सौ-सौ बार प्रणाम है (मुक्तक)*

दशरथनंदन सीतापति को, सौ-सौ बार प्रणाम है (मुक्तक)
➖➖➖➖➖➖➖➖
रामराज्य शासन-शैली का, जिनका सुंदर नाम है
सेतु बॉंध पाना सागर पर, जिनका अद्भुत काम है
तर जाता है मनुज, नाम लेकर जिनका इस जग से
दशरथनंदन सीतापति को, सौ-सौ बार प्रणाम है
———————————–
रचयिता : रवि प्रकाश
बाजार सर्राफा, रामपुर, उत्तर प्रदेश
मोबाइल 99976 15451

475 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Ravi Prakash
View all
You may also like:
*मेरा आसमां*
*मेरा आसमां*
DR ARUN KUMAR SHASTRI
राष्ट्र धर्म
राष्ट्र धर्म
Dr.Pratibha Prakash
जात आदमी के
जात आदमी के
AJAY AMITABH SUMAN
आध्यात्मिक जीवन का अर्थ है कि हम अपने शरीर विचार भावना से पर
आध्यात्मिक जीवन का अर्थ है कि हम अपने शरीर विचार भावना से पर
Ravikesh Jha
।।
।।
*प्रणय*
Mountain
Mountain
Neeraj Agarwal
शिवोहं
शिवोहं
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
*डॉक्टर चंद्रप्रकाश सक्सेना कुमुद जी*
*डॉक्टर चंद्रप्रकाश सक्सेना कुमुद जी*
Ravi Prakash
नजर और नजरिया
नजर और नजरिया
Dr. Kishan tandon kranti
मुझे कुछ देर सोने दो
मुझे कुछ देर सोने दो
हिमांशु Kulshrestha
बस तेरे हुस्न के चर्चे वो सुबो कार बहुत हैं ।
बस तेरे हुस्न के चर्चे वो सुबो कार बहुत हैं ।
Phool gufran
🇮🇳स्वतंत्रता दिवस पर कविता🇮🇳🫡
🇮🇳स्वतंत्रता दिवस पर कविता🇮🇳🫡
पूर्वार्थ
गंगा- सेवा के दस दिन (छठा दिन)
गंगा- सेवा के दस दिन (छठा दिन)
Kaushal Kishor Bhatt
जलियांवाला बाग
जलियांवाला बाग
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
वैर भाव  नहीं  रखिये कभी
वैर भाव नहीं रखिये कभी
Paras Nath Jha
इक ही नहीं मुमकिन है ये के कई दफा निकले
इक ही नहीं मुमकिन है ये के कई दफा निकले
सिद्धार्थ गोरखपुरी
चली लोमड़ी मुंडन तकने....!
चली लोमड़ी मुंडन तकने....!
singh kunwar sarvendra vikram
मेरी ज़रूरतें हैं अजब सी बड़ी, कि मैं,
मेरी ज़रूरतें हैं अजब सी बड़ी, कि मैं,
Kalamkash
3238.*पूर्णिका*
3238.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
बिना रुके रहो, चलते रहो,
बिना रुके रहो, चलते रहो,
Kanchan Alok Malu
पके फलों के रूपों को देखें
पके फलों के रूपों को देखें
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
कड़वाहट का आ गया,
कड़वाहट का आ गया,
sushil sarna
बारिश पुकार कर, कहती है यार से,,
बारिश पुकार कर, कहती है यार से,,
Neelofar Khan
महफ़िल में कुछ जियादा मुस्कुरा रहा था वो।
महफ़िल में कुछ जियादा मुस्कुरा रहा था वो।
सत्य कुमार प्रेमी
जब आपका मन नियंत्रण खो दें तो उस स्थिति में आप सारे शोकों का
जब आपका मन नियंत्रण खो दें तो उस स्थिति में आप सारे शोकों का
Rj Anand Prajapati
परामर्श शुल्क –व्यंग रचना
परामर्श शुल्क –व्यंग रचना
Dr Mukesh 'Aseemit'
(साक्षात्कार) प्रमुख तेवरीकार रमेशराज से प्रसिद्ध ग़ज़लकार मधुर नज़्मी की अनौपचारिक बातचीत
(साक्षात्कार) प्रमुख तेवरीकार रमेशराज से प्रसिद्ध ग़ज़लकार मधुर नज़्मी की अनौपचारिक बातचीत
कवि रमेशराज
डबूले वाली चाय
डबूले वाली चाय
Shyam Sundar Subramanian
यह शहर पत्थर दिलों का
यह शहर पत्थर दिलों का
VINOD CHAUHAN
कुछ राज़ बताए थे अपनों को
कुछ राज़ बताए थे अपनों को
Rekha khichi
Loading...