दवा मानकर ही सही (दोहे )
दवा मानकर ही सही, गटक गए दुख लोग !
कालेधन का मुल्क से, कटे शीघ्र अब रोग !!
दवा घूंट दर घूंट पी, फिरभी थमी न लूट !
कालेधन का देश से,… है सम्बन्ध अटूट !!
यही सोचकर नागरिक,गये कष्ट हर झेल !
होगी भ्रष्टाचार के,… आकाओं को जेल !!
रमेश शर्मा