दर्शन तो कीजिए
#घनाक्षरी गीत
प्राण प्रतिष्ठा हो रही,पौष माह यह सही,
खत्म होगा इंतज़ार, दर्शन तो कीजिए ।
शुक्ल पक्ष की द्वादशी,संवत नाम है अस्सी,
सिंहासन बैठें राम, दर्शन तो कीजिए ।
राम की अवध सजी,शंख शहनाई बजी,
मंदिर विराजे राम, दर्शन तो कीजिए ।
अद्भुत अवध धाम, परमात्मा स्वयं राम,
सौभाग्य दिया राम ने, दर्शन तो कीजिए।
अवसर आते कम, सनातनी परचम,
लहराया है अम्बर, दर्शन तो कीजिए ।
जुट गये साधु संत, मठाधीश व महंत,
अगुवाई श्री राम की, दर्शन तो कीजिए ।
छोड़ दो पिछली बात, भेद भाव जाति पात,
दिवाली सा त्योहार है, दर्शन तो कीजिए ।
राम राज्य हो साकार, विनती है बार बार,
राम से बिरोध छोड़, दर्शन तो कीजिए ।।
राजेश कौरव सुमित्र