दर्द
सपने बस सपने
छूटे सब लम्हें
दर्द दिल में समेटे
मौन हैं सब हसरते
मुस्कान हैं फिर भी
भूल जाओ वो अफसाने
बालों की सफेदी
नैनों पे चढ़े चस्में
फिर आई हैं होली
पर वो जस्न लगें अधूरे
खामोशियों का मंजर
एक दस्तूर निभाते
सब लगें।।
बी कुमार
सपने बस सपने
छूटे सब लम्हें
दर्द दिल में समेटे
मौन हैं सब हसरते
मुस्कान हैं फिर भी
भूल जाओ वो अफसाने
बालों की सफेदी
नैनों पे चढ़े चस्में
फिर आई हैं होली
पर वो जस्न लगें अधूरे
खामोशियों का मंजर
एक दस्तूर निभाते
सब लगें।।
बी कुमार