दर्द
कोई भी दर्द इतना बड़ा नहीं की जो
कश्मीरी हिन्दुओं के जज़्बात कह सके ,
रूह कांप उठी शर्मसार इंसानियत की
ख़ुदा करें हैवानों को अब तो सजा मिले
कोई भी दर्द इतना बड़ा नहीं की जो
कश्मीरी हिन्दुओं के जज़्बात कह सके ,
रूह कांप उठी शर्मसार इंसानियत की
ख़ुदा करें हैवानों को अब तो सजा मिले