दर्द…
जानें कब, ये दर्द कम होगा
मौत के साथ ही, दफ़न होगा…
हँसी के बदले, मिले ज़ख्मों का
दर्द ही खुद अब, मरहम होगा…
रोशनी की तलाश हो तो, आना
दर्द जलेगा, जहाँ मेरा मदफ़न होगा…
दुनिया, चली जाती है खाली हाथ
मगर, मेरे दर्द पर भी कफ़न होगा…
ताउम्र, तन्हा रोते रहे हम ‘अर्पिता’
मौत पर रोनेवाला, हर शख्स मेरा दुश्मन होगा…
-✍️देवश्री पारीक ‘अर्पिता’