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26 Oct 2022 · 1 min read

दर्द हमने ले लिया है।

यूं तो बात बस थोड़ी सी इतनी है।
इस दिलको हुई उससे दिल्लगी है।।1।।

जानें कैसा ये दर्द हमने ले लिया है।
सनम ही हमें इतना बेदर्द मिला है।।2।।

अजब सी चाहत दिल में उठती है।
जिसमें ना इसको राहत मिलती है।।3।।

हर पल ही बस बे ख्याली रहती है।
सदा जैसे इक कमी सी खलती है।।4।।

हो आलमें तसव्वुर या हो हकीकत।
उससे हर राब्ता उसी से मोहब्बत।।5।।

बेवफाई का गम कहां कम होता है।
चेहरा बस अश्कों से नम होता है।।6।।

ताज मोहम्मद
लखनऊ

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