Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
11 Jun 2023 · 1 min read

दर्द भी शर्माते हैं

अपने फायदे के लिए,
खेला सबने हमारे जज्बातों के संग।
कार्य पूर्ण हो जाने पर,
ठोकरें मार दी हमें।
विश्वास किया जिस जिस पे,
पहले धोखा उन्होंने ही दिया।
जब तक संभालीं में अपने को,
हो गई तब तक देर बहुत।
मैं बेबस लाचार सिर्फ,
उतार सकीं क्रोध अपने ही ऊपर।
बिगड़ा उनका कुछ नहीं,
हमारा मनोबल तोड़ गए वे।
गम के अंधेरे खाईं में,
वे धकेल गए मुझे।
फिर भी हार नहीं मानी मैं,
अपने ही दिल से लड़ी मैं,
उस अंधेरे कुएं से,
अपने को ले आईं सुरज के रोशनी में।
क़ाबिल इतना बना दिया हमने अपने को,
अब,
दर्द भी पास आने से कतराते हैं,
वे भी हमसे शर्माते हैं।

213 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.

You may also like these posts

3712.💐 *पूर्णिका* 💐
3712.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
समय-सारणी की इतनी पाबंद है तूं
समय-सारणी की इतनी पाबंद है तूं
Ajit Kumar "Karn"
'आशिक़ी
'आशिक़ी
Shyam Sundar Subramanian
छिप गई वो आज देखो चाँद की है चाँदनी
छिप गई वो आज देखो चाँद की है चाँदनी
Dr Archana Gupta
देखो ! यह बेशुमार कामयाबी पाकर,
देखो ! यह बेशुमार कामयाबी पाकर,
ओनिका सेतिया 'अनु '
ग़ज़ल सगीर
ग़ज़ल सगीर
डॉ सगीर अहमद सिद्दीकी Dr SAGHEER AHMAD
राम राम
राम राम
Sonit Parjapati
" राजनीति के रक्तबीज "
Pushpraj Anant
निस्वार्थ प्रेम
निस्वार्थ प्रेम
Shutisha Rajput
काव्य में सत्य, शिव और सौंदर्य
काव्य में सत्य, शिव और सौंदर्य
कवि रमेशराज
#अभी सवेरा दूर बहुत
#अभी सवेरा दूर बहुत
वेदप्रकाश लाम्बा लाम्बा जी
ज़ुर्म-ए-मोहब्बत
ज़ुर्म-ए-मोहब्बत
Shikha Mishra
बाद मुद्दत के
बाद मुद्दत के
Meenakshi Bhatnagar
छत्रपति शिवाजी महाराज
छत्रपति शिवाजी महाराज
Sachin patel
पुरुष हूँ मैं
पुरुष हूँ मैं
singh kunwar sarvendra vikram
"विश्व हिन्दी दिवस"
Dr. Kishan tandon kranti
अर्ज किया है जनाब
अर्ज किया है जनाब
शेखर सिंह
तन्हाई को तोड़ कर,
तन्हाई को तोड़ कर,
sushil sarna
बुड़बक बेटा आज्ञाकारी।
बुड़बक बेटा आज्ञाकारी।
Acharya Rama Nand Mandal
Gulab
Gulab
Aisha mohan
तेरा ज़िक्र
तेरा ज़िक्र
Sakhi
यह सुहाना सफर अभी जारी रख
यह सुहाना सफर अभी जारी रख
Anil Mishra Prahari
शब्द
शब्द
Mandar Gangal
মহাদেবকে নিয়ে লেখা কবিতা
মহাদেবকে নিয়ে লেখা কবিতা
Arghyadeep Chakraborty
कलाकारी में भी यूं चार चांद लगाते हैं,
कलाकारी में भी यूं चार चांद लगाते हैं,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
रिश्ते
रिश्ते
पूर्वार्थ
दोहा बिषय- दिशा
दोहा बिषय- दिशा
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
*शादी में है भीड़ को, प्रीतिभोज से काम (हास्य कुंडलिया)*
*शादी में है भीड़ को, प्रीतिभोज से काम (हास्य कुंडलिया)*
Ravi Prakash
विद्यापति धाम
विद्यापति धाम
डॉ. श्री रमण 'श्रीपद्'
शर्माया चाँद
शर्माया चाँद
sheema anmol
Loading...