दर्द भरी पुकार
मैं एक ओर निर्भया आपकी
देखो सब आँखे खोल अपनी
चार चार ने मिल कियाअत्याचार
रीढ़ की हड्डी तोड़ किया लाचार।
बोल न सकू कुछ जुबां काट डाली मेरी
सोचो कैसे किया होगा बर्दास्त मैंने
अब मासूम बेटियों को रखना संभाल
मैं चली आप सब के हवाले छोड़ संसार।
या गुहार अपनी लगाऊं ईश्वर को
ना पैदा करे अब किसी बेटी को
सुरक्षित नही रख पा रहे अब बेटी को
किस के हवाले छोड़ोगे अब बेटी को।
ये समाज ही बना देखो मेरा भक्षक
तुम ही बताओ को मेरा अब रक्षक अब दुनिया मे तुम ही बचाओ बन रक्षक
सब लगते है खा जायेगे मुझे बन भक्षक।