दर्द दिल की बता दवा क्या है
दर्द दिल की बता दवा क्या है
प्यार का अब मिला सिला क्या है
बात हर रोज हुआ करती थी जो
अब बता दे मिली सजा क्या है
चाह का जब नशा बढ़ा इतना
पर तुझे हासिले दगा क्या है
बात ज्यादा हदें बढ़ी तो मैं
पूछ बैठी कि फैसला क्या है
साथ रहना न हो सकेगा जब
मूर्ख जो मैं बनी कला क्या है
कैद हो कर नजर मिली तुझसे
आस का तब महल बना क्या है
शूल तेरे लिए सजाये जो
हो गया वो तभी दुआ क्या है
याद में जब चला कभी आये
तब हँसा दे मुझे अदा क्या है