दर्द दिल का न जलाओ तुम
दर्द दिल का न जलाओ तुम
अब न मेरे करीब आओ तुम
जख्म मेरा भरा नहीं है अभी
यूँ न सितम ये और ढाओ तुम
परेशां हूं मैं तेरी ही बातों से
और न मुझे अब सताओं तुम
दफ्न है दिल में सफर यादों का
के उसे ना अब सुलगाओं तुम
बेवफ़ाई से तेरी बहुत तड़पी हूं
अब ना और मुझे तड़पाओं तुम
रुलाई न छूट जाये कँवल की
के यहाँ से अब चले जाओ तुम
बबीता अग्रवाल #कँवल