दर्द दामन में
दर्द दामन में छुपाना सीखिये
चोट खाकर मुस्कुराना सीखिये
मतलबी हर शै यहाँ पर जान तू
खार से भी दिल लगाना सीखिये
रौशनी को जो तरसते आ रहे
दीप उनके घर जलाना सीखिये
रूठ जाए यार गर तुमसे कभी
प्यार से उसको मनाना सीखिये
दर्द, खुशियाँ जो मिले तुमको यहाँ
बस उसी से घर सजाना सीखिये
– ‘अश्क़’