Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
8 Sep 2022 · 1 min read

दर्द की हम दवा

ज़ख़्म नासूर करके रखते हैं ।
दर्द की हम दवा नहीं करते ।।

डाॅ फौज़िया नसीम शाद

Language: Hindi
Tag: शेर
7 Likes · 187 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Dr fauzia Naseem shad
View all
You may also like:
हिंदी
हिंदी
Pt. Brajesh Kumar Nayak
परिवर्तन विकास बेशुमार
परिवर्तन विकास बेशुमार
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
पितृ हमारे अदृश्य शुभचिंतक..
पितृ हमारे अदृश्य शुभचिंतक..
Harminder Kaur
मीठी वाणी
मीठी वाणी
Kavita Chouhan
जंगल की होली
जंगल की होली
Dr Archana Gupta
राम राज्य
राम राज्य
Shriyansh Gupta
दलित साहित्य / ओमप्रकाश वाल्मीकि और प्रह्लाद चंद्र दास की कहानी के दलित नायकों का तुलनात्मक अध्ययन // आनंद प्रवीण//Anandpravin
दलित साहित्य / ओमप्रकाश वाल्मीकि और प्रह्लाद चंद्र दास की कहानी के दलित नायकों का तुलनात्मक अध्ययन // आनंद प्रवीण//Anandpravin
आनंद प्रवीण
#आदरांजलि
#आदरांजलि
*Author प्रणय प्रभात*
भुलाना ग़लतियाँ सबकी सबक पर याद रख लेना
भुलाना ग़लतियाँ सबकी सबक पर याद रख लेना
आर.एस. 'प्रीतम'
आज की बेटियां
आज की बेटियां
ओमप्रकाश भारती *ओम्*
फ़िलिस्तीन-इज़राइल संघर्ष: इसकी वर्तमान स्थिति और भविष्य में शांति और संप्रभुता पर वैश्विक प्रभाव
फ़िलिस्तीन-इज़राइल संघर्ष: इसकी वर्तमान स्थिति और भविष्य में शांति और संप्रभुता पर वैश्विक प्रभाव
Shyam Sundar Subramanian
33 लयात्मक हाइकु
33 लयात्मक हाइकु
कवि रमेशराज
23/167.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
23/167.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
दंभ हरा
दंभ हरा
Arti Bhadauria
किसी दर्दमंद के घाव पर
किसी दर्दमंद के घाव पर
Satish Srijan
उलझनें तेरे मैरे रिस्ते की हैं,
उलझनें तेरे मैरे रिस्ते की हैं,
Jayvind Singh Ngariya Ji Datia MP 475661
जब तक हो तन में प्राण
जब तक हो तन में प्राण
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
*पत्रिका का नाम : इंडियन थियोसॉफिस्ट*
*पत्रिका का नाम : इंडियन थियोसॉफिस्ट*
Ravi Prakash
आटा
आटा
संजय कुमार संजू
ओढ़कर कर दिल्ली की चादर,
ओढ़कर कर दिल्ली की चादर,
Smriti Singh
हुईं वो ग़ैर
हुईं वो ग़ैर
Shekhar Chandra Mitra
हो अंधकार कितना भी, पर ये अँधेरा अनंत नहीं
हो अंधकार कितना भी, पर ये अँधेरा अनंत नहीं
पूर्वार्थ
💐Prodigy Love-16💐
💐Prodigy Love-16💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
नौकरी न मिलने पर अपने आप को अयोग्य वह समझते हैं जिनके अंदर ख
नौकरी न मिलने पर अपने आप को अयोग्य वह समझते हैं जिनके अंदर ख
Gouri tiwari
डॉ अरुण कुमार शास्त्री
डॉ अरुण कुमार शास्त्री
DR ARUN KUMAR SHASTRI
स्वीकारोक्ति :एक राजपूत की:
स्वीकारोक्ति :एक राजपूत की:
AJAY AMITABH SUMAN
हाथी के दांत
हाथी के दांत
Dr. Pradeep Kumar Sharma
"जीवन"
Dr. Kishan tandon kranti
सुप्रभात
सुप्रभात
डॉक्टर रागिनी
इंसान स्वार्थी इसलिए है क्योंकि वह बिना स्वार्थ के किसी भी क
इंसान स्वार्थी इसलिए है क्योंकि वह बिना स्वार्थ के किसी भी क
Rj Anand Prajapati
Loading...