दर्द की पनाहों में जब ज़िन्दगी सुलगती है
राख़ हो जाती हैं
सब ख़्वाहिशें दिल की ।
दर्द की पनाहों में
जब ज़िन्दगी सुलगती है ।।
डाॅ फौज़िया नसीम शाद
राख़ हो जाती हैं
सब ख़्वाहिशें दिल की ।
दर्द की पनाहों में
जब ज़िन्दगी सुलगती है ।।
डाॅ फौज़िया नसीम शाद