दर्द की दुनिया
सपनों में भी मिलते हैं
मेरे दिल को सिर्फ दर्द
बैचैन हो जाता हूं अब
जो मिले न कभी ये दर्द।।
बाकी सब बेवफा है यहां
केवल वफादार है ये दर्द
करो नफरत इससे, फिर भी
साथ नहीं छोड़ता ये दर्द।।
कोई बांटता भी नहीं इसे
सब दूर रहते है इससे
जो बांटना भी तुम चाहो
तो बांटोगे ये तुम किससे।।
दोस्ती करके ही है फायदा
इस कमबख्त दर्द से
दूर रहते है सभी डरकर
इस कमबख्त दर्द से।।
ये क्या दर्द को दर्द देने की
कर रहे हो तुम फिर कोशिश
जो अपने गम सुनाने की
दुनिया से कर रहे तुम कोशिश।।
निजाद तो पाना चाहता है
आज हर कोई इस दर्द से
वो मरने भी नहीं देता उसे
जो कराह रहा इस दर्द से।।
लोग कहते हैं की मरने के बाद
मिट जाते हैं हमारे सारे दर्द
मेरे तो वो भी नहीं मिट सकते
साथ जो जायेगा बिछड़ने का दर्द।।