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5 Nov 2024 · 1 min read

दर्द इन्सान को

दर्द इन्सान को
सब से ज्यादा विकल
करता है
विकलता विवेक को
नष्ट करती है
और जब विवेक नष्ट हो जाए
तो इन्सान विचलित हो जाता है
दर्द और बढ़ जाता है
अनवरत, असीम

हिमांशु Kulshrestha

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