Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
14 Feb 2022 · 1 min read

दर्द आवाज़ ही नहीं देता

दर्द आवाज़ ही नहीं देता ।
आप इतना ख़्याल रखते हो ।।
डाॅ फौज़िया नसीम शाद

Language: Hindi
Tag: शेर
7 Likes · 142 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Dr fauzia Naseem shad
View all

You may also like these posts

★मां ★
★मां ★
★ IPS KAMAL THAKUR ★
अपनी कमजोरियों में ही उलझे रहे
अपनी कमजोरियों में ही उलझे रहे
Sonam Puneet Dubey
कैसे?
कैसे?
RAMESH Kumar
भरत नाम अधिकृत भारत !
भरत नाम अधिकृत भारत !
Neelam Sharma
48...Ramal musamman saalim ::
48...Ramal musamman saalim ::
sushil yadav
Shayari
Shayari
Sahil Ahmad
************ कृष्ण -लीला ***********
************ कृष्ण -लीला ***********
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
आज कल !!
आज कल !!
Niharika Verma
कस्तूरी पहचानो मृग
कस्तूरी पहचानो मृग
Shweta Soni
मुर्दे भी मोहित हुए
मुर्दे भी मोहित हुए
Dr. Ramesh Kumar Nirmesh
समझ ना आया
समझ ना आया
Dinesh Kumar Gangwar
जय हनुमान
जय हनुमान
Neha
✍️ दोहा ✍️
✍️ दोहा ✍️
राधेश्याम "रागी"
बाबा साहब अंबेडकर का अधूरा न्याय
बाबा साहब अंबेडकर का अधूरा न्याय
सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life)
दिलबर दिलबर
दिलबर दिलबर
DR ARUN KUMAR SHASTRI
अमीरों की गलियों में
अमीरों की गलियों में
gurudeenverma198
मैं जैसा हूँ लोग मुझे वैसा रहने नहीं देते
मैं जैसा हूँ लोग मुझे वैसा रहने नहीं देते
VINOD CHAUHAN
ज़िंदगी का दस्तूर
ज़िंदगी का दस्तूर
Shyam Sundar Subramanian
"चूहा और बिल्ली"
Dr. Kishan tandon kranti
"मैं" के रंगों में रंगे होते हैं, आत्मा के ये परिधान।
Manisha Manjari
भारत के वीर जवान
भारत के वीर जवान
Mukesh Kumar Sonkar
भज ले भजन
भज ले भजन
Ghanshyam Poddar
अभिषेक कुमार यादव: एक प्रेरक जीवन गाथा
अभिषेक कुमार यादव: एक प्रेरक जीवन गाथा
Abhishek Yadav
महिलाएं जितना तेजी से रो सकती है उतना ही तेजी से अपने भावनाओ
महिलाएं जितना तेजी से रो सकती है उतना ही तेजी से अपने भावनाओ
Rj Anand Prajapati
साजिशें ही साजिशें....
साजिशें ही साजिशें....
डॉ.सीमा अग्रवाल
दोस्ती
दोस्ती
Naushaba Suriya
धृतराष्ट सरकारें हुईं हैं
धृतराष्ट सरकारें हुईं हैं
सिद्धार्थ गोरखपुरी
प्रेम में अहंम नहीं,
प्रेम में अहंम नहीं,
लक्ष्मी सिंह
क्यो लेट जाते हो बिछौने में दुखी मन से,
क्यो लेट जाते हो बिछौने में दुखी मन से,
Buddha Prakash
एक नया रास्ता
एक नया रास्ता
Bindesh kumar jha
Loading...