दर्दे-उल्फ़त न अब लिया जाये
दर्दे-उल्फ़त न अब लिया जाये
दिल का सौदा अगर किया जाये
इश्क़ में वो मुकाम आया है
दूर तुझसे न अब जिया जाये
यादें काफ़ी हैं अब तो जीने को
जामे तन्हाई क्यों पिया जाये
लोग रुस्वा न कर दें अफ़साना
क्यों न होंठों को अब सिया जाये
इस ज़माने को भूल जाओगे
प्यार इतना तुम्हें दिया जाये