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26 Dec 2018 · 1 min read

दरवाजे

घर की इज्जत होते है
दरवाजे
दरवाज़े के पीछे की दुनिया
होती है निराली

लड़ते है पति पत्नी
मन का निकाल फिर
हो जाते हैं एक

लड़ते है भाई बहन
एक कट्टी एक मिट्ठी
में छिपा है प्यार अनूठा

दरवाज़े की मजबूत
बुनियाद होते है
चौखट , साकल और कुन्डी

आधा दरवाजा खोले
प्रेयसी ,
प्रीतम की
प्रतीक्षा में
लिख गये
ग्रन्थ अनेक

बंद दरवाजे है
बंद मुट्ठी
इसलिए
“दरवाजे खुलवाने की
आज ज़िद न करो ।”

लेखक
संतोष श्रीवास्तव भोपाल

Language: Hindi
207 Views
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