Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
11 Jun 2023 · 1 min read

दरदू

रचना का विषय : दर्द
::::::::::::::::::::::::::::::::::::::::
दर्द हम सभी के मन में रहते है
किसी से कहने में हम डरते हैं
दर्द तेरे संग सदा बाट लेते है
अपने दर्द मन के पन्नों लिखते है
सच विश्वास जीवन में रखते हैं
दर्द का राज इजहार न करते हैं।
बस निस्वार्थ कौन जो सुनता हैं।
जीवन के हमसफ़र कौन साथ है।
दर्द जिंदगी में किसी के हम न समझते है।
क्योंकि स्वार्थ हमारे साथ रहते है।
दर्द तो जीवन के रंग हम सभी की हकीकत कहते है।
आओ मिलकर एक दूसरे का दर्द हम कम करते हैं।
::::::::::::::::::::::::::::::::::::::::
नीरज अग्रवाल चंदौसी उप्र

Tag: Poem
228 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
राम मंदिर
राम मंदिर
Sanjay ' शून्य'
आज कल रिश्ते भी प्राइवेट जॉब जैसे हो गये है अच्छा ऑफर मिलते
आज कल रिश्ते भी प्राइवेट जॉब जैसे हो गये है अच्छा ऑफर मिलते
Rituraj shivem verma
मुलाकात अब कहाँ
मुलाकात अब कहाँ
शालिनी राय 'डिम्पल'✍️
सन् २०२३ में,जो घटनाएं पहली बार हुईं
सन् २०२३ में,जो घटनाएं पहली बार हुईं
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
4588.*पूर्णिका*
4588.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
*****खुद का परिचय *****
*****खुद का परिचय *****
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
डमरू घनाक्षरी
डमरू घनाक्षरी
Annapurna gupta
मिसरे जो मशहूर हो गये- राना लिधौरी
मिसरे जो मशहूर हो गये- राना लिधौरी
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
భారత దేశ వీరుల్లారా
భారత దేశ వీరుల్లారా
डॉ गुंडाल विजय कुमार 'विजय'
कभी ख़ुशी कभी ग़म
कभी ख़ुशी कभी ग़म
Dr. Rajeev Jain
निकलती हैं तदबीरें
निकलती हैं तदबीरें
Dr fauzia Naseem shad
Sometimes people  think they fell in love with you because t
Sometimes people think they fell in love with you because t
पूर्वार्थ
कुछ पल
कुछ पल
Mahender Singh
वक़्त
वक़्त
विजय कुमार अग्रवाल
एक सच
एक सच
Neeraj Agarwal
कलरव में कोलाहल क्यों है?
कलरव में कोलाहल क्यों है?
Suryakant Dwivedi
"आदमियत"
Dr. Kishan tandon kranti
🙅बड़ा बदलाव🙅
🙅बड़ा बदलाव🙅
*प्रणय*
नफरतों से अब रिफाक़त पे असर पड़ता है। दिल में शक हो तो मुहब्बत पे असर पड़ता है। ❤️ खुशू खुज़ू से अमल कोई भी करो साहिब। नेकियों से तो इ़बादत पे असर पड़ता है।
नफरतों से अब रिफाक़त पे असर पड़ता है। दिल में शक हो तो मुहब्बत पे असर पड़ता है। ❤️ खुशू खुज़ू से अमल कोई भी करो साहिब। नेकियों से तो इ़बादत पे असर पड़ता है।
डॉ सगीर अहमद सिद्दीकी Dr SAGHEER AHMAD
ଏହି ମିଛ
ଏହି ମିଛ
Otteri Selvakumar
कभी जब आपका दीदार होगा
कभी जब आपका दीदार होगा
सत्य कुमार प्रेमी
Embers Of Regret
Embers Of Regret
Vedha Singh
युग युवा
युग युवा
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
जब  तक  साँसें  चलती  है, कोई  प्रयत्न  कर  ले।
जब तक साँसें चलती है, कोई प्रयत्न कर ले।
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)
कारगिल युद्ध के समय की कविता
कारगिल युद्ध के समय की कविता
दीपक नील पदम् { Deepak Kumar Srivastava "Neel Padam" }
अहंकार
अहंकार
हिमांशु बडोनी (दयानिधि)
*संस्मरण*
*संस्मरण*
Ravi Prakash
Feelings of love
Feelings of love
Bidyadhar Mantry
कल है हमारा
कल है हमारा
singh kunwar sarvendra vikram
मूक संवेदना
मूक संवेदना
Buddha Prakash
Loading...