दफन हो जाती हैं
दफन हो जाती हैं
कितनी बातें जो
सच होती हैं
किसी के जीते जी
वह सुना सकता है पर
सामने नहीं आ पाती
क्योंकि कोई उन्हें सुनना ही नहीं
चाहता
कोई जब किसी को प्यार नहीं करता तो
नहीं सुनना चाहता उनके कोई
किस्से कहानियां भी
वह आदमी बस तक जिन्दा तो
होता है पर
बिना प्यार के
अपने जिस्म की कब्र को साथ साथ
लादे फिरता रहता है बस
तब तक इस जहां में जब तक
उसे कहीं लेटने के लिए जमीन में बनी
कोई पुख्ता जगह अपने
जिस्म की कब्र को दफनाने को न
मिले।
मीनल
सुपुत्री श्री प्रमोद कुमार
इंडियन डाईकास्टिंग इंडस्ट्रीज
सासनी गेट, आगरा रोड
अलीगढ़ (उ.प्र.) – 202001