Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
28 Oct 2021 · 1 min read

दंभ द्वेष भूलकर समान मान दीजिए

२१×७+२ चामर वर्णिक छंद
दंभ द्वेष भूलिए समान मान दीजिए।
मौत भूख से न हो उपाय आप कीजिए।।
पुण्य कर्म से सदा अवश्य पुण्य लीजिए।
और का भला करो सुवास पेय पीजिए।

1 Like · 218 Views

You may also like these posts

हिम्मत और मेहनत
हिम्मत और मेहनत
Shyam Sundar Subramanian
सावन बरसे झूम के,ननदी झूला झूल।
सावन बरसे झूम के,ननदी झूला झूल।
डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम
❤️एक अबोध बालक ❤️
❤️एक अबोध बालक ❤️
DR ARUN KUMAR SHASTRI
काव्य का आस्वादन
काव्य का आस्वादन
कवि रमेशराज
आध्यात्मिक और सांसारिक जीवन में संतुलन कैसे बनाएं, और कुछ मिथक बातें। ~ रविकेश झा
आध्यात्मिक और सांसारिक जीवन में संतुलन कैसे बनाएं, और कुछ मिथक बातें। ~ रविकेश झा
Ravikesh Jha
मौलिक विचार
मौलिक विचार
डॉ.एल. सी. जैदिया 'जैदि'
One fails forward toward success - Charles Kettering
One fails forward toward success - Charles Kettering
पूर्वार्थ
हुनर है झुकने का जिसमें दरक नहीं पाता
हुनर है झुकने का जिसमें दरक नहीं पाता
Anis Shah
ग़ज़ल-दुनिया में दुनियादारी का बोझ
ग़ज़ल-दुनिया में दुनियादारी का बोझ
Shyam Vashishtha 'शाहिद'
मर्यादा अब हो गई,
मर्यादा अब हो गई,
sushil sarna
😊😊😊
😊😊😊
*प्रणय*
2122 1212 22/112
2122 1212 22/112
SZUBAIR KHAN KHAN
सरसी छंद
सरसी छंद
seema sharma
आज का ज़माना ऐसा है...
आज का ज़माना ऐसा है...
Ajit Kumar "Karn"
4863.*पूर्णिका*
4863.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
"अधूरा रिश्ता"
Yogendra Chaturwedi
लफ्जों को बहरहाल रखा...!!
लफ्जों को बहरहाल रखा...!!
Ravi Betulwala
बीजारोपण
बीजारोपण
आर एस आघात
हालात से लड़ सकूं
हालात से लड़ सकूं
Chitra Bisht
आईने में अगर
आईने में अगर
Dr fauzia Naseem shad
100 से अधिक हिन्दी पत्र-पत्रिकाओं की पते:-
100 से अधिक हिन्दी पत्र-पत्रिकाओं की पते:-
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
20. *कैसे- कैसे रिश्तें*
20. *कैसे- कैसे रिश्तें*
Dr .Shweta sood 'Madhu'
सर्दी
सर्दी
विनोद वर्मा ‘दुर्गेश’
जातिवाद की खीर
जातिवाद की खीर
RAMESH SHARMA
कहानी -आपदा
कहानी -आपदा
Yogmaya Sharma
इन फूलों से सीख ले मुस्कुराना
इन फूलों से सीख ले मुस्कुराना
ठाकुर प्रतापसिंह "राणाजी "
सत्य की खोज
सत्य की खोज
MEENU SHARMA
मोटा बिल्ला
मोटा बिल्ला
विजय कुमार नामदेव
"रात भर"
Dr. Kishan tandon kranti
*भोजन की स्वच्छ रसोई हो, भोजन शुचि हाथों से आए (राधेश्यामी छ
*भोजन की स्वच्छ रसोई हो, भोजन शुचि हाथों से आए (राधेश्यामी छ
Ravi Prakash
Loading...